केकड़े और लहर की कहानी: समझदार दोस्तों की दोस्ती
एक बार एक केकड़ा समुद्र किनारे अपनी मस्ती में चला जा रहा था और बीच बीच में पीछे मुड़कर वो अपने पैरों से बने निशान भी देखता जाता। वो थोड़ा आगे बढ़ता और फिर मुड़कर पैरों के निशान देखता और उनसे बनी design को देखकर खुश हो जाता…इतने में एक तेज लहर आयी और उसके पैरों के सब निशान मिट गये।
इस पर केकड़े को बड़ा गुस्सा आया, उसने लहर से बोला, “मैं तो तुझे अपना मित्र मानता था, पर तुमने ये क्या किया…मेरे बनाये सुंदर पैरों के निशानों को ही मिटा दिया…? कैसी दोस्त हो तुम।” केकड़े की बात सुनकर लहर बोली, ” वो देखो पीछे से मछुआरे आ रहे हैं और वो पैरों के निशान देख कर ही केकड़ों को पकड़ रहे हैं…मेरे दोस्त, तुमको वो पकड़ ना लें, बस इसीलिए मैंने तुम्हारे पैरों के निशान मिटा दिए।