सावित्री बाई फुले जी की जयंती पर उन्हें किया याद
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देश की प्रथम महिला शिक्षिका और सामाजिक क्रांति की पुरोधा, नारी विरोधी मान्यताओं का प्रचंड विरोध कर महिला सशक्तिकरण को नया अर्थ देने वाली सावित्रीबाई फुले जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।
आज दिनांक 03.01.23 को सांदीपनी स्कूल में शिक्षिकाओं ने सावित्री बाई फुले के स्मरण में एक कार्यक्रम का आयोजन किया।
सर्वप्रथम सावित्री बाई फुले को याद करते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ
श्रीमती वंदना माहोर (संघ कार्यकर्ता)द्वारा किया गया। श्रीमती वंदना माहोर ने समाज सुधारक एवम् प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती के उपलक्ष्य में उनके जीवन चरित्र और मूल्यों का उल्लेख करते हुए उनके द्वारा महिला उत्थान के लिए किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला।
सावित्री बाई फुले को १८३० में प्रथम बालिका स्कूल खोलने में किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा और कितना संघर्ष कर वे महिलाओं की शिक्षा के लिए एक आधार स्तंभ स्वरूप खड़ी रही इसका श्रीमती वंदना माहोर ने बहुत ही सारगर्भित उल्लेख किया।
उन्होंने स्कूल की शिक्षिकाओं से भी इस अवसर पर समाज की वंचित वर्ग की महिलाओं की मदद करने एवम् उनको व्यवहारिक शिक्षा में भी मदद करने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि हम एक महिला को शिक्षित करते है तो केवल उसे ही शिक्षित नहीं करते बल्कि हम उसके साथ तीन पीढ़ियों को शिक्षित करते है।
कार्यक्रम के समापन पर श्रीमती अपर्णा रोठे ने आभार प्रकट किया।